स्कूल खत्म कर जब मैं कॉलेज आया तो वहां लड़कियों को देखकर मेरे मन में बहुत खुशी हो रही थी
क्योंकि जिस स्कूल में मैं पढ़ रहा था
उसमें सिर्फ लड़के ही थे
और यहां तो लड़के और लड़कियां एक में ही बैठते हैं
कॉलेज स्टार्ट हो चुका था और मुझे 3 महीने बीत चुके थे लेकिन अभी तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बना
मैं पढ़ाई के मामले में शुरू से ही ठीक-ठाक था
तो मेरे काम हमेशा पूरा करके रखता था
इसी समय मेरे ही क्लास में एक लड़की का एडमिशन हो जाता है
लड़की देखने में ठीक ठाक थी हल्की पक्के रंग में थी बड़ी बड़ी गोल सी आंखें काले लंबे बाल और उसके वोट के बगल में एक काला सा तिल देखने में तो अच्छी लग रही थी
उसे देख कर पहली ही नजर में वह मेरे मन को भा गई और मेरे बगल से गुजरते ही मेरे मन में एक गाना चले लगा
क्लास में वह मेरे बगल वाली सीट पर ही बैठती थी
मैं उसे रोज अपनी तिरछी नजरों से देखता था
लेकिन उससे बोलने की हिम्मत मेरे अंदर नहीं थी
मैं उससे कई बार बोलने की कोशिश करता लेकिन फिर डर के मारे पीछे हो जाता था
कुछ दिन ऐसे बीतने के बाद एक दिन वह खुद मेरे पास चल कर आई
और वह मुझसे बोली क्या आपकी कॉपी मिल सकती है मैं कॉलेज लेट से आई हूं तो मेरा पीछे का काम छूट गया है
उसी को पूरा करना है मैंने झट से हां कर दिया और अपनी कॉपी निकाल कर उसे दे दी
मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया था
क्योंकि वह मुझसे खुद बोल रही थी
फिर वह जाकर अपनी सीट पर बैठ गई और मेरी कॉपी खोलकर देखने लगी
थोड़ी देर बाद वह फिर मेरे पास आई और बोली क्या आपका नंबर मिल सकता है
अगर कुछ समझ में नहीं आएगा तो मैं आपसे फोन पर पूछ लूंगी
मैंने उसे अपना नंबर दे दिया और मेरे मन में खुशी के तो लड्डू फूट रहे थे
मैं अपने खुदा को मनाते हुए मैंने उनका धन्यवाद किया और क्लास खत्म होने के बाद शाम को मैं घर गया घर पर मैं उसकी फोन का इंतजार करने लगा आखिर उसका फोन आ ही गया
और यहीं से मेरा उससे बातों का सिलसिला शुरू हो गया हम दोनों रोज बात करते थे
धीरे धीरे वाह मेरे दिल में और समाती गई और एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे प्रपोज कर दिया
वह भी मुझे चाहती थी तो उसने एक्सेप्ट भी कर लिया था
अब हम दोनों दो जिस्म एक जान बन चुके थे
मैं उसे बहुत प्यार करता था
वह मुझसे बहुत प्यार करती थी जब मैं कभी संघर्ष के दिनों में टूट जाता था
तो वह मुझे हिम्मत देती थी
वह हमेशा मेरे पीछे ढाल बनकर खड़ी रहती थी
रोहिणी मेरे ऊपर जान छिड़कने लगी थी
खैर मेरे कॉलेज कॉलेज के दिन खत्म हो चुका था
और मैं नेवी में जॉब भी मिल चुकी है
और मैंने अपने वादे के मुताबिक मैंने रोहिणी से शादी करके मैंने एक नई अलग सी दुनिया बसा ली है
जिसमें मैं और रोहिणी दोनों बहुत खुश हैं रोहिणी मेरी जान है
मेरी हिम्मत है और मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मेरी खूब सुंदर बीवी भी है
जिसे मैं अपनी जान से भी ज्यादा चाहता हूं
और मैं उसे कभी खोना नहीं चाहता आई लव यू रोहिणी
अगर हौसले बुलंद हो तो कामयाबी पर चूमने लगती है
0 टिप्पणियाँ