डरावनी राते यह कहानी तब की है जब मोबाइल फोन नहीं हुआ करते थे।मैं घर से दूर शहर में हॉ…
मेरा नाम मुकेश है और मैं एक टैक्सी ड्राइवर हूं मैं ज्यादातर रात में टैक्सी चलाता हूं क…
ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। मेरा नाम प्रवीण है और यह घटना मेरे साथ तब घटी थी जब …
भूले से भी नहीं रहना अकेले किसी गरज मे | नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सुरेश है और मैं आज अ…
मेरी दादी कहती थी शाम को 6 बजे मगरिब के समय कभी अकेले सुनसान जगह पर नही जाना चाहिए |जै…
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