💕💕बेस्वाद कॉफी का मीठा प्यार(Love stories)



 एक दिन प्रदीप अपने दोस्त के यहां पार्टी में गया था,


 प्रदीप ने अपने दोस्त को और उनके घर वालों को बहुत-बहुत बधाई और साथ में एक गिफ्ट भी दिया ,

पार्टी में बहुत सारे लोग आए हुए थे,

 पार्टी काफी शानदार चल रही थी,


लोग एक दूसरे से बातें कर रहे थे,

 लेकिन प्रदीप उनमें से किसी को नहीं जानता था,

 वह सिर्फ अपने दोस्त और उनके मम्मी पापा को  जानता था,


प्रदीप  एक कुर्सी पर बैठ जाता है तभी उसकी नजर एक लड़की पर पड़ती है,

 वो लड़की बहुत ही खूबसूरत थी वह लड़की प्रदीप के दिल को भा जाती है,


 लेकिन वह लड़की इतनी स्मार्ट थी कि प्रदीप उसके सामने कुछ भी नहीं था,

 लेकिन प्रदीप तो उसे पसंद करने लगा था,

 प्रदीप  अपने मन में सोच रहा था,

 कि इस लड़की से कैसे बात किया जाए उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी,

कि सामने से जाकर बात करें,


 वह डर रहा था पार्टी में और भी कई सारे लड़के होते हैं जो उस लड़की के पीछे दीवाने बने घूम रहे थे

 प्रदीप अपनी तुलना उन लड़कों से करने लगता है,

पार्टी में लड़के हैंडसम और होशियार  थे,

प्रदीप उन लड़कों के सामने अपने आप को नर्वस समझ रहा था,


 लेकिन लड़की पटाने के लिए हैंडसम दिखना जरूर नहीं होताजरूरी होता है अच्छी सोच और अच्छी बात करना,


 पार्टी में और कई ऐसी लड़कियां थी जो उसे दोस्ती दूर बात भी करना पसंद करती,

 

ऐसे में वह लड़की मुझसे  दोस्ती तो  दूर बात करना नहीं चाहेगी,यह सोच कर प्रदीप चाहते हुए भी पूरी पार्टी में उस लड़की से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया,


 फिर कुछ देर बाद पार्टी खत्म हो जाती है,

 और सब अपने घर जाने लगते हैं,

और वह लड़की भी वापस अपने घर जा रही होती है,


 लेकिन लड़का अभी उसके बारे में ही सोच रहा था,

 मुझे हिम्मत कर उससे बात करनी होगी नहीं तो शायद जो शुरू हो सकता था,

वो यूं ही खत्म हो जाएगा लड़का हिम्मत करता है,

 और दौड़ कर उस लड़की के पास जाता है,


 उसे अपने साथ एक कॉफी पीने की बात करता है शुरू में तो लड़की थोड़ा हिचकी चाहती है लेकिन रिक्वेस्ट करने पर वह मान जाती है,


 फिर दोनों एक कॉफी शॉप में जाते हैं प्रदीप ने लड़कियों को अपने साथ बुला तो लिया लेकिन वह अभी भी घबरा और शर्मआ भी रहा था,

 और इसी कारण वह लड़की से कुछ बात भी नहीं कर पा रहा था,


लड़की भी उसकी ख़ामोशी देख कंफ्यूज हो गई थे

 और मन ही मन सोच रही थी कि मैं कहां फस गई जल्दी से यह सब खत्म हो और मैं अपने घर जाऊं,


 थोड़ी देर बाद वेटर आता है और उन लोगों को कॉफी सर्व करता है,

 बेटर जब वापस जा रहा होता है तभी प्रदीप बोल पड़ता है अरे सुनो थोड़ा नमक मिलेगा क्या वेटर उसे नमक लाकर देता है,


उसकी यह बात सुनकर लड़की थोड़ा मुस्कुराती है और बोलती है नमक का क्या करोगे तुम,


प्रदीप - मैं नमक को कॉफी में डालकर पीता हूं ,


लड़की क्या कॉपी में डालकर नमक भला क्यों पियोगे तुम लड़की घबराकर बोलती है,


 प्रदीप - मैं जब छोटा था तो मैं समंदर के किनारे रहता था,

 मैं वही पाला बड़ा हूं मेरे पैरंट्स वहीं रहते हैं और मुझे वहां के समुद्र के खारे पानी का स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगने लगा है,

 इसीलिए मैं कॉपी में नमक डालकर पीता हूं,


 इसे पीने से मेरे बचपन की यादें मेरा गांव मेरी माता पिता मुझे याद आते हैं,

 यह सब बातें करके प्रदीप की आंखें थोड़ा नम हो जाती हैं,

प्रदीप की बातें सुनकर लड़की के दिल में प्रदीप के लिए जगह बन जाती है,


 और लड़की भी अपने बीते हुए बचपन की सारी बातें प्रदीप को सुनाने लगती है,

 और इस प्रकार उन दोनों में खामोशी की दीवार टूट जाती है,

 दोनों में बातों का सिलसिला जारी हो जाता है ,

उस दिन उन दोनों की एक खूबसूरत दोस्ती की शुरुआत हो जाती है,


दोनों एक दूसरे से मिलना जारी रहता है धीरे-धीरे इस लड़की को यह एहसास होने लगता है,

 उसे जैसा जीवन साथी चाहिए  वह लड़का बिल्कुल वैसा ही है दयालु सहनशील सबका ध्यान रखने वाला,


अगर प्रदीप उस शाम को कॉफी में नमक डालकर ना पीता  तो शायद वह उसके बारे में इतना कुछ जान नहीं पाती,

लड़की अब प्रदीप को चाहने लगी थी,

 और फिर  वही हुआ जो हर एक प्रेम कहानी में होता है दोनों की शादी हो जाती है ,

और खुशी-खुशी उनकी जिंदगी गुजारने लगती है ,


लड़की जब भी कॉफी बनाती थी,

 उसमें शक्कर की जगह नमक डालती है,


क्योंकि उसे पता है कि उसके पति को नमकीन कॉफी पसंद है,



 40 साल के एक लंबे सफर के बाद उनका वह खूबसूरत सफर टूट जाता है,

 प्रदीप एक बड़ी बीमारी के कारण मौत हो जाती है,


1 दिन लड़की सूटकेस में रखे सभी पुरानी चीजों को देखकर प्रदीप को याद कर रही थी,

 तभी लड़की को लड़के का लिखा हुआ एक खत मिलता है,

 वह खत पड़ने लगती है,

खत में लिखा होता है मेरी प्यारी पत्नी मुझे माफ कर देना,

 झूठ के लिए जो मैंने तुमसे कभी पहले बोला था,

तुम्हें याद है हमारी पहली डेट पता है उस दिन में इतना घबराया हुआ था,


कि बेटर से शक्कर की जगह नमक मांग बैठा था,

 कैसे कहूं उसके के बाद कितना शर्मिंदा हुआ था,

 क्या करता शर्मिंदगी से बचने के लिए मैंने झूठ मूठ की कहानी बना दी थी,


 लेकिन सच कहूं उस समय मुझे बिल्कुल खबर नहीं थी, कि मेरा यह झूठ मेरे और तुम्हारे बीच में खड़ी इस खामोशी की दीवार को तोड़ देगी,

 और हमें एक दूसरे के करीब ले आई,

 उसके बाद मैंने कई बार कोशिश की तुम्हें सच बताने की लेकिन हिम्मत नहीं हो पाई डरता था,

 कहीं तुम मुझे झूठा ना समझ लो और उसके बाद तुम मुझ पर भरोसा ही करना बंद कर दो,


 लेकिन अब जब मैं मर रहा हूं तो डरने की कोई वजह ही नहीं  रह गई है,

 इसीलिए तुम्हें सच बताना चाहता हूं और सच यह है कि मुझे नमकीन कॉफी बिल्कुल पसंद नहीं है,

और यह मुझे बिल्कुल ना पसंद है सच में इसका स्वाद कितना अजीब और बेस्वाद होता है,


लेकिन जब तुम इतने प्यार से मेरे लिए बना कर 

लेकर आते थे,

 तो मैं ना चाहते हुए भी मैं पी जाता था,

 इसी तरह से मेरी पूरी जिंदगी बेस्वाद नमकीन कॉफी पी है,

  प्लीज मुझे माफ कर देना पहली डेट पर तुमसे झूठ बोलने के लिए,

और उसके  बाद जब भी तुम्हारे लिए  नमकीन कॉफी बनाई सच में मैं बिल्कुल झूठ नहीं बोल रहा उन परिस्थितियों को छोड़कर मैं वह नमकीन कॉफ़ी कभी नहीं पीता,

 तुम्हें पागलों की तरह प्यार करने वाला तुम्हार पति           

      प्रदीप,


खत पढ़ने के बाद लड़की की आंखों में आंसू आ जाते हैं, और वह अपने आप को रोक नहीं पाती,

 और उस दिन के बाद लड़की भी नमकीन कॉफी पीने लगती है,

उसे ऐसे नमकीन कॉफी  पीते देख जब कोई उससे पूछता कि इसका  स्वाद कैसा है,

 तो कहती बहुत ही मीठा


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