👫मेरी पहली गर्लफ्रेंड / my first girlfriend

 


मैं आज आपको अपनी पहली गर्लफ्रेंड के बारे में बताऊंगा,

 मैंने उसे पटाने के लिए कितनी मेहनत की और लास्ट में मैंने उसे क्यों छोड़ा



छत पर बैठ माथे से टपक रहे पसीने को अपने हाथों से साफ कर रही थी,

जब मैंने उसे पहली बार देखा,


 मेरे चचेरी बहन की शादी थी उसी में वह आई थी,


  रतजगे का दिन था उस के दूसरे दिन बरात आने वाली थी,

 सब लोग अपनी अपनी तैयारियों में लगे हुए थे,

कोई मेकअप का सामान ले रहा था तो कोई अपने हाथों में मेहंदी लगा रहा था,


 मैं भी भाभी के साथ मार्केट गया हुआ था,


1 घंटे बाद जब मैं मार्केट से घर वापस आया तो काफी सारे रिश्तेदार घर पर आ चुके थे,

 हर तरफ़ खुशियां ही खुशियां नज़र आ रही थी,

 सब लोग अपनी अपनी तैयारियों में बिजी थे,


 वैसे तो मैं कभी अपने हाथों में मेहंदी नहीं लगाता हूं लेकिन शादी का दिन था तो मैंने भी सोचा कि आज अपने बालों में कुछ कलर्स लगवा लो,



 सब लोग छत पर बैठे थे मैं भी छत पर गया मैंने देखा एक सुंदर सी लड़की हाथों में रुमाल लिए माथे से टपक रहे पसीना को साफ कर रही थी,


 वह लड़की देखने में बहुत ही खूबसूरत थी

 उसे देख कर मेरे दिल ने पहली बार किसी को सबसे आज ज्यादा पसंद किया था,


 मेरे दिल ने  पहली ही नजर में उसे पसंद करने लगा था,


 मैं जाकर अपनी बड़ी भाभी के पास बैठ गया और अपने बालों  में कलर लगाने के लिए बोलने लगा,


  लेकिन मेरा ध्यान अभी भी उसी लड़की की तरफ ही था ,

मैंने भाभी से दबी आवाज में लड़की के बारे में  पूछा 

 तो भाभी ने कहा क्यों पसंद आ गई क्या,

 तो मैं शर्माते हुए नहीं भाभी जानकारी के लिए पूछ रहा था,


 भाभी ने मुझसे मजाक में कहा अगर पसंद आ गई हो तो बात करें तुम्हारे लिए,


 मैंने बात को टाल दिया,

             छोड़ो भाभी तुम कलर लगाओ मैंने दूसरी बात करते हुई बात को टाल दिया,


 लड़की मुझे काफी पसंद आ रही थी अब मैं उसके ही चारों तरफ चक्कर लगाने लगा था,


 मैंने सोचा लिया था कि कुछ भी हो जाए लेकिन मैं इसे पटक कर ही रहूंगा,


मैंने उसी टाइम नोट किया कि और भी लड़के थे जो लड़की के इर्द-गिर्द दीवाने बनकर चक्कर लगा रहे थे,


लेकिन वह किसी को भाव नहीं दे रही थी और यहां तक कि मुझे भी नहीं दे रही थी,


 लेकिन मैंने बहुत मेहनत की थी पटाने के लिए बात करने के लिए बहुत सारे बहाने ढूंढने लगा लेकिन कोई बहाना काम नहीं आता था,


 मैंने देखा कि मेरी बड़ी भाभी की बहन  भी आ चुकी है  मैंने  उस उसे इस लड़की के बारे में पूछा,


 तब जाकर पता चला कि वह तो उसकी शादी हो चुकी है और उसका पति दुबई में रहता है,


 लेकिन उसे देखने पर पता नहीं चल रहा था कि उसकी शादी हो चुकी है ,



उसकी उम्र  यही कुछ 21 ही 22 साल की थी,



 यह सुनकर मुझे थोड़ा दुख तो हुआ लेकिन मैंने सोच लिया था कि कुछ भी हो जाए लेकिन इसे पटाकर ही रहूंगा,


रात हो गई थी सब लोग सोने चले गए थे दूसरे दिन सुबह हुई सब रेडी हो गए,

बारात आ गई शादी धूमधाम से हुई,

मैं भी  उस लड़की के चारों तरफ ही रहता था 

मैं सिर्फ उससे बातें करने का बहाना ही ढूंढता था,


 लेकिन मेरी हिम्मत इतनी नहीं होती थी कि मैं उससे बात कर सकूं,


 होते करते हैं सारा दिन बीत गया बारात विदा हो गई सब रिश्तेदार घर जा रहे थे,


 मैं देखा कि वह लड़की भी घर जा रही है यह देख कर मैं  सुनता रह गया लेकिन मैं कुछ कर भी तो नहीं सकता था,


 मैं साइड में खड़ा होकर है सिर्फ उसे ही देखे जा रहा था सारे रिश्तेदार एक दूसरे से मिल रहे थे,


 और विदा हो रहे थे उसने भी सब से मिला और जाने लगी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी वह समय मेरी आंखों में नमी थी,


 मुझे दुख था कि मैं जिसे पटाने के लिए बहुत बेताब था मेरा दिल बहुत खुश था मैं उस पटाने में असफल रहा

 मैं उससे बात तक नहीं कर सका और वह अब जा रही है ,


मैं कितना डरपोक हूं मैं अपने आप को बहुत कोष रहा था,


 उसने मुस्कुराते हुए मेरे तरफ देखा और और हाथ हिलाकर बाय किया और चली गई,


 तब से आज तक वह मुझे नहीं दिखी 8 साल हो गए हैं मेरी आंखों ने उसे देखे हुए,


 आज भी कहीं जब दावत होती है तो मैं जाता हूं और मेरी आंखें सिर्फ उसे ही ढूंढती हैं लेकिन वह आज तक मुझे नहीं मिली न जाने कौन सी दुनिया से आई थी,



दोस्तों मैंने कहानी की शुरुआत में कहा कि मैंने उसे क्यों छोड़ा तो जवाब है,


ना उसने मुझे छोड़ा ना मैंने उसे छोड़ा

 यह जो मेरा प्यार था  एकतरफा था


 क्या वह मेरी पहली गर्लफ्रेंड है यह भी मैं नहीं कह सकता क्योंकि मेरी तो उससे दोस्ती ही नहीं हो पाई,


दोस्त जिंदगी में कुछ ऐसे भी लोग आते हैं जो आते ही कुछ समय के लिए लेकिन अपनी यादें जिंदगी भर के लिए दे जाते हैं,


कुछ बातों के जवाब जिंदगी भर नहीं मिल पाते हैं


 ऐसे ही कुछ मेरी कहानी रहे



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