सालों बाद उसकी कॉल आई मेरे पास यही रात के लगभग 1:30 के करीब में,
उस वक्त में जगह हुआ था फेसबुक पर प्रोफाइल स्क्रोल कर रहा था टिक टॉक वीडियो देख रहा था,
अचानक एक अननोन नंबर से कॉल आई मुझे समझ नहीं आया कि आखिर इतनी रात को कौन हो सकता है,
फिर मैंने उसे एक बार इग्नोर कर दिया मैंने सोचा अगर किसी की इंपॉर्टेंट कॉल होगी तो वह दोबारा करेगा लेकिन वह 2 मिनट बाद वही कॉल फिर आई इस बार मैंने रिसीव कर लिया,
मैंने हेलो बोला फिर सामने से मधुर भरी आवाज आई हेलो आवाज सुनते ही अचानक मेरा मूड बदल गया क्योंकि यह आवाज कुछ जानी पहचानी सी लग रही थी,
अचानक मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया कुछ यादें ताजा हो गई कुछ जख्म हरे हो गए फिर मेरी टूटी हुई आवाज से एक बार हेलो निकला,
और दूसरी तरफ से आवाज आई डिस्टर्ब तो नहीं किया मुझे जवाब देते हुए घबराहट सी हो रही थी
हां बोलो या ना बोलो कुछ समझ नहीं आ रहा था,
मेरे मन में यादों का बवंडर घूमने लगा था आखिर क्यों इतने सालों बाद इसे अचानक मेरी याद आ गई
क्यों आए हो आप मैंने बहुत हिम्मत करके उससे यह सवाल किया,
उसने बात को टालते हुए कहा कैसे हो आप
मैंने कहा
मैं ठीक हूं तुम कैसे हो यह सुनकर उसे रोना आ गया उसने कहा मैं ठीक नहीं हूं,
यह सुनकर मैं और भी कंफ्यूज हो गया,
मैं सोच रहा था कि सालों बाद उसका फोन आया और इसका रोना भी निकल गया,
मैंने उसे चुप कराया उससे बात की मैंने उसके बीते हुए लाइफ के बारे में जब पता किया तो पता चला कि वो जिसके लिए मुझे छोड़ कर गई थी,
आज उसने किसी और के लिए इसे छोड़ दिया मुझे जैसे जैसे बता रही थी,
जिस तरह वह गिर गिर आई उसके सामने उसे रोकने के लिए,
उसके प्यार के लिए उसी तरह मैं भी गिर डी गिराया था था,
उसके के प्यार के लिए जैसे उस लड़के ने मुड़कर नहीं देख इसे ,
उसी तरह इसने भी मुझे मुड़कर नहीं देखा था,
यह सोचते वक्त
मेरी आंखों में उस समय आंसू थे,
और चेहरे पर मुस्कुराहट मैं यह सोच रहा था,
कि किसी के कर्मों की सजा उसे बखूबी मिली है,
किसी के प्यार को ठुकरा ने की सजा शिद्दत से मिली है,
वह रोते-रोते मुझ से माफी मांगने लगी वह मुझसे बहुत माफी मांगी बहुत मिन्नत की मैं उसे माफ करके उसे अपना बनालूं उसे अपनी जिंदगी में वापस बूला लूं,
मैंने उससे कई साल प्यार किया था,
कई साल तक मैंने लगा दिया था उसे मनाने में,
वह लौटी तो ऐसा लगा कि जैसे मेरी जिंदगी में खुशियां लौट आई,
मैंने उसे माफ कर दिया फिर उसने मुझसे पूछा क्या तुम मुझे अपना लोगे,
इस सवाल को सुनते मुझे वह सारे दिन सारी यादें सारी रातें मुझे याद आ गई,
हमारी पूरी रिलेशनशिप फ्रेश हो गई,
उस समय मेरी आंखों में आंसू थे मैंने उसे जवाब दिया कभी नहीं मैं तुम्हारी किए पर तुम्हें माफ कर सकता हूं,
लेकिन तुम्हारे जैसे इंसान को अपनाने की भूल मैं कभी जिंदगी में नहीं कर सकता,
वह जख्म जो तुमने मुझे दिए है,
वह आंसू जो तुम्हारी याद में रात दिन महीनों सालों तुम्हारी यादों में बहाए है वह कैसे भूल जाऊं,
वह दर्द जो तूने दिया है वह कैसे भूल जाऊं यह जो हुआ है
ना तुम्हारे साथ यह तुम्हारे कर्मों की सजा है
और इसे तुझे ना चाह कर भी भुगतना पड़ेगा
अगर तुम्हारी कोई मजबूरी होती तो मैं तुझे अपना लेता मगर तुमने मुझे किसी और के लिए छोड़ा,
I.M sorry मुझे माफ कर देना मैं तुम्हारे साथ था और नहीं चल सकता और हो सके तो अब कॉल दोबारा मत करना,
और इतना बोल कर मैंने फोन रख दिया यह मेरा पहली बार था जो मैंने उसे ना किया था,
मुझे रोना बहुत आ रहा था और मैं रोया भी,
लेकिन गलती दोबारा करने की भूल नहीं की,
जिंदगी में एक बार ऐसा मौका आता है तुम्हें समझने का लेकिन दिल बहका देता है
लेकिन मन सब कुछ जानता है हम सारी जिंदगी दिल की सुनते रहते हैं
और दिमाग को इग्नोर करते हैं और हम गलत करते हैं
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