मोहब्बत को मोहब्ब्त से उसने निभाया जो होता।
कदर मेरी सच्चे मन से उसने कभी किया जो होता। diltutaa.com
तो आज वक्त के हाथो इतने मजबूर न होते। एक दूजे के पास रहा कर भी इतने दूर न होते।। उसने कभी मेरे से सच्ची मोहब्ब्त की ही नही।
सुकू का दो पल कभी मेरे साथ गुजरा ही नही।
मोहब्बत वाकई में उसकी थोड़ी सी भी सच्ची होती।
तो उसने मुझे बेवझा छोड़ा ही क्यों होता ।
मोहब्ब्त का हवाला दे मुझे मोहब्ब्त का ही रोना रुलाया न होता। diltutaa.com
वैसे तो कोई वादे कसमें तो हमने भी खाई थी पर वो सारे कसमें वादे में अकेले ही निभा रहा हूं
उसकी खुसियों के लिए अपने खुसियो की बाली देता रहा। diltutaa.com
अगर सच में उसने मुझसे मोहब्बत की होती कुछ वादे कसमें वो भी निभाई जरूर होती।।
यू मोहब्बत का हवाला दे मुझे मोहब्ब्त का ही रोना रुलाई न होती ।।
काश वो कभी जो मोहब्बत शब्द का सच्चा अर्थ समझ पाता। diltutaa.com
कैसे जीते है लोग इस दर्द के साथ काश वो इस दर्द को जो जन पाती तो वो अपनी कबलियत साबित करने में मुझे..
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यू झूठे मोहब्बत के जाल में फसाया न होता ।।
काश।। मोहब्बत को उसने मोहब्ब्त से निभाया जो होता ,।।
The end
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