खुस में कैसे रह सकता हूं, I
तुम उदास हो तो खुस में कैसे राहू ।
तुम्हे यू तड़पता देख सुकून से में कैसे सो सकता हूं ,।
आंसू तेरी आंखों में है पर तकलीफ हमे भी है।
कैसे बताऊं तुम्हे ये उदासी तेरी मुझसे अब नही देखी जाति ।
गलती तेरी नही थी।फिर क्यों तुम खुद को सजा दे रही हो।
किसी और की वजह से खुद को तुम चोट पहोचा रही हो।
आखिर क्यों तुम वे वजह खुद को इस दलदल में फसा रही हो ।
खुस में कैसे रह सकता हूं, diltutaa.com
में तुम्हारा बीता हुआ कल तो नही बदल सकता हूं ।
अगर तुम भुला दो बीती बातों को तो में तुम्हे में आज जीना चाहता हूं l
तुम्हे तुम्हारे हर बुरी यादों से वापस लाना चाहता हु।
तुम मेरी आज और आने वाला कल हो।
फिर तुम क्यों अब तक बीती बातों में उलझी हुई हो।
जो गलती तुमने की ही नहीं खुद को क्यू उसकी सजा दे रही हो ।
कैसे समझाऊं की तुम मेरी क्या हो..
मेरे होटों की मुस्कान और मेरी जान हो।
और अगर तुम ही हो उदास तो खुस में कैसे रह सकता हूं।
तुम्हे यू तड़पता देख सुकून से में कैसे रह सकता हूं,ll
खुस में कैसे रह सकता हूं, diltutaa.com,
वो खत ही तो था। Read more..
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