पुर्णिमा की वो काली रात में आज भी नही भुला हूं। Horror stories। In Hindi डरावनी कहानियां ए हिंदी में

 

पुर्णिमा की वो काली रात में आज भी नही भुला हूं। Horror stories। In Hindi डरावनी कहानियां ए हिंदी में  । Diltutaa.com

आज पुर्णिमा की रात है।आज हम लोगो को एक हफ्ता हो गया है।

इस नए घर में सिफ्ट हुए।मेरा पुराना घर गांव के बीच में था ।और काफी छोटा था।

अब ये घर गांव के बाहर है और काफी बड़ा है अभी इसमें contrsction का कम खत्म हुआ था।  Diltutaa.com,

लेकिन बाहर का मेन गेट लगाना चारों तरफ बवनदारी करन बाकी था।

जो मेरे घर का गेट था। उसके सामने एक जंगल था । सड़क मेरे घर से लगभग 100 मीटर दूर थी ।

तो मेरे घर से और सड़क  जाने के लिए एक कच्चा रास्ता था।

जो जंगल के किनारे से होता हुआ जाता है।

आज पुर्णिमा की रात थी । एक जोर दार सारिश के बाद  आसमान अब थोड़ा सफा हो रहा था।

लेकिन अभी हल्की हल्की झीसे पड़ रहे थे। और कीड़ों मकोडो की आवाजे चारो तरफ गुंज रही थी। Diltutaa.com,

आज हम लोग खाना खा कर जल्दी शो गए थे। मम्मी अपने रूम में थी ।

पापा और में हॉल मे शो रहा था। भैया और भाभी। अपने रूम शो रहे थे।

हॉल काफी बड़ा था तो पापा थोड़े दुर पर शो रहे थे ।

में जहा था वहा से घर के बाहर का नजारा सब दिखा रहा था।

क्यू की बाहर का गेट नही लगा था।

हम सब लोग  गहरी नींद में शो रहे थे तभी अचानक मेरी नींद खुल गई। Diltutaa.com,

मेने देखा की पापा नींद में घराठे मार रहे थे। फिर में  मोबाइल में टाइम देखा तो रात को 3:00 बज रहे थे।

उसके बाद में बाहर की तरफ देखा तो चांद अपनी घनी रोशनी जंगल के बड़े बड़े पेड़ो डाल कर उन्हे काफी डेरावना बना रहे थे।

अब नींद मेरी आंखों से गायब हो गई थी। और में  बाहर की ओर देख अपनी बीते हुए पल को याद कर रहा था।

कुछ देर हुआ ही था  की हमे अपने गेट वाली दीवाल पे कुछ दिखा।Diltutaa.com,

मेने देखा की कोई मेरे मेने गेट की दीवाल से चिपक कर घर के अंदर देखा रहा है।

उस घनि चांदनी रात में उसके सिर्फ लंबे लंबे उलझे बाल उसकी चमकती सफेद दो आंखे ही दिखा रही थी।

अभी वो मेरे घर की ओर ही देखा रही थी।अब मेरा  डर के मारे बुरा हाल हो गया था।

में झट से अपने मुंह को चद्दार से धक लिया में इतना डर गया था।

की किसी को आवाज भी नही लगा सकता था। फिर कुछ देर बाद हिम्मत कर के देखने की कोस्सी की लेकिन इस बार कुछ नहीं दिखा । फिर में घर में चारो तरफ देखाने लगा की कही वो चीज मेरे घर में तो नही घुस गए।

लेकिन घर के सारे रूम बंद थे।फिर में डरा सहमा बाहर की ओर देख रहा था।

लेकिन अब कुछ नही दिखा रहा था ।

अब कुछ देर बीत चुके थे लगभग 4:30 का समय हो रहा था।

एक बार फिर एक  नजारा दिखा।

मेने देखा की एक ओरत मुंह में कुछ दबोचे हुए चार पावों से जंगल की ओर जा रही थी।

उसके लंबे लंबे बाल जमीन में घसीट रहे थे।

ध्यान से देखने से लग रहा था।

की उसके मुंह में कोई मांस का टुकड़ा हो।

इस बार तो में और ही डर गया था।

झट्ट से मुंह को धक लिया और इस बार में बाहर की ओर देखना ठीक नही समझा और फिर शो गया ।Diltutaa.com,

सुबह हुए तो सारी बात में अपने मम्मी को बताया तभी पापा गांव की ओर से आ कर बोले की गांव में किसी के गाय के बछेरे को किसी जानवर ने जख्मी कर दिया है।

तो फिर मेरे साथ खाटी घटना को मेने पापा को भी बताए।

                                                                            एक टिप्पणी भेजें

                                                                            0 टिप्पणियाँ