खौफनाक रास्ता। भूल कर भी नही जाना इस रास्ते पर। horror stories,|

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 सारा दिल घनघोर बारिश के बाद सामको लगभग 7:30 अब बारिश की बूंदे टूटी थी।


 लेकिन अभी भी हल्की हल्की बारिश की झीसे पड़ रही थी।

बारिश के दिनों में 7:30 पर काफी रात होजाती है।

ओर सारे दुकान दार अपनी दुकानें बंद कर चुके थे। 

मैने भी अपनी दुकान में लॉक लगाया और हाथ में एक टॉर्च और बाग लेकर साइकिल से घर की ओर चल दिया।

अभी थोड़ी ही दूर गया ही था।की बारिश हल्की हल्की झीसे थोड़ा बढ़ने लगी थे। 


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मेरे दुकान से जो घर का रास्ता था वो पुराने जमाने के पक्की ईट का कच्छी सड़क थी।

 जो काफी पुरानी हो गई थी। 


कही कही सड़क पर ईट जमीन में घुस मिट्टी बाहर निकाल गए थी।

तो कही गाढ़े हो गए थे।जिसमे बारिश का पानी बाहर गया था। 


उस सड़क पर रात में आना जाना बहुत मुस्किल काम था।


क्यू की रास्ता जंगल से होता हुआ जाता था।

में अब कुछ दूर निकल गया था तभी हमे अपनी साइकिल भरी भरी लगने लगी 


जब में पीछे मुड़कर देखा तो साइकिल के मैडगार्ड और टायर के बीच में मिट्टी भर गए थी।मेने टॉर्च जलाया और लकड़ी ढूंढी लकड़ी से सारी मिट्टी को साफ किया और सड़क पर गड्ढे के पानी से साइकिल को धोया।


 अब साइकल फ्री चलने लगी थी। में वहा से निकल पड़ा।

लेकिन इस बार साइकिल से चू चू की आवाज आ रही थी।


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 में उसपे ज्यादा ध्यान नही दिया और चलता रहा थोड़ी दूर जाने के बाद हमे एक जोर दार गुर्राने की आवाज सुनाई पड़ी।


 मेने  चारो तरफ देखा तो कुछ दिखाए नही पड़ा में अपने कानो का बहेम समझा कर छोड़ दिया लेकिन नही वही आवाज फिर से मेने सुना।


 इस बार मेने साइकल को वही पर रोक दी में देखना चाहता था।


 की ये आवाज किसकी है।टॉर्च जला कर में चारो तरफ देखा तो लगा की में जंगल के बीच में हूं 


चारो तरफ देख ही रहा था की आवाज फिर सुनाई पड़ी ये आवाज वही पर झाड़ियो के पीछे से आ रही थी।


में उस तरफ टॉर्च मारी इस बार जो दिखा की मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। 


मेने देखा एक जानवर जिसका शरीर इंसानों जैसा है।


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लेकिन उसका फेस भेड़िया जैसे था । उसके पूरे शरीर में काले काले लंबे बाल थे।


उसकी आंखो में चोट लग गई थी  दर्द की वजह से चीख रहा था जिस कारण उसे कुछ दिखाई भी नही दे रहा था।इसी लिए में सायद बच भी गया था।


 दरहा असल जंगल से थोड़ी दूर पर नेसनल हाइवे था


उसे देखते ही मेरे साथ से टॉर्च छूट गई में डेर से कपने लगा  । बिना कुछ सोचे ही में साइकल छोड़ कर सरपट घर की ओर भागने लगा। 


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जब में गांव पहुंचा तो गांव वालो को सारी बात बता दी।


लेकिन किसी की हिम्मत नही हुई मेरे साथ वापिस आने की । 


लेकिन फिर दुबारा वो भेड़िया कभी किसी को दुबारा नही दिखा ।








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