मेरी दादी कहती थी शाम को 6 बजे मगरिब के समय कभी अकेले सुनसान जगह पर नही जाना चाहिए |जैसे कब्रिस्तान या खेत चाहे खाली जगह हो या जंगल क्यू की इस समय बुरी शक्तियों का आगमन होता है।
लेकिन में इस बात को में नही मानता था।में सोचता था की ये सब पुराने जमाने के लोगो ने बच्चो को डेराने के लिए मँगदंत कहानी बनाते रहे थे।
में इन सब बातो पर बिशावास नही करता था| क्यू की में भूत प्रेत कभी नही देखा था बस लोगो के मुंह से सुनता था । एक दिन की बात है |
शाम 4 बजे में कानो में इयरफोन लगा कर गाना सुन रहा तभी मम्मी ने हमसे कहा हरी धनिया की पट्टी घर मे नही और मेरे से बोली के खेत में जा कर धनिया की पट्टी ले आओ
मे ठीक है बोल कर निकल गया उस समय खेतो में गेहूं और सरसो का सीजन था तो खेतो चारो तरफ हरियाली ही हरियाली थी और देखने और घूमने में भी अच्छा लगता था।
थोड़ी दूर जाने के बात गांव के बाहर मेरे कुछ दोस्त थे| में उन्ही के साथ कुछ देर खड़ा हो गया और बाते करने लगा । बातो ही बातो में समय कब निकल गया पता ही नही चला |
अब शाम के 6:30 हो रहे थे तभी मम्मी ने जो कहा था याद आ गया। मेने दोस्तो से कहा में खेत में जा रहा हूं थोड़ी देर बाद मिलते है।
में खेतो की ओर जा रहा ओर लोग अब खेतो से निकल कर सब अपने घर की ओर जा रहे थे में जल्दी जल्दी खेता में गया खेत में जाते वक्त हमने देखा की एक खेत में कबर बनी थी जो नई दिख रही थी।
वो मेरे ही गांव के एक व्यक्ति की थी जो बीमारी की वजह से 35 साल की उम्र में ही death हो गई थी। में जल्दी से खेत में गया और धनिया पत्ती को तोड़ा फिर चारो तरफ देखा दूर दूर तक कोई भी दिखा रहा था ।
ओर धीरे धीरे अब अंधेरा भी होने लगा था। चिड़या अपने घोसलो में वापिस आ कर शोर मचा रही थी। ऐसा लगा रहा था की इस पूरे खेतो में सिर्फ मे ही अकेला ही था
और चारो तरफ चिड़यो की आवाज गुंज रही थी। में वापिस घर की ओर चल दिया थोड़ी ही दूर आया था। की पीछे से आवाज आई ऐसा लगा की कोई मेरा नाम लेकर पुकारा रहा है।
पहले तो में इन बातो पर ध्यान नही दिया लेकिन बार बार पुकारने पर मेने पीछे मुड़कर देखा तो कोई नही दिखा फिर में चलने लगा थोड़ी दूर चलने के बात फिर कोई मेरा नाम लेकर पुकार रहा था |
लेकिन में इस बार पीछे मुड़कर नही देखा चलते चलते मुझे महसूस हुआ की मेरे पीछे मेरे साथ कोई चल रहा है में पीछे मुड़कर देखा तो कोई नही था |
अब हमे थोड़ा थोड़ा डार लगने लगा था क्यू की मेने वो कबर देखी था और दादी की बताई बाते याद आ रही थी। मे घर की ओर चले जा रहा था और मेरे पीछे से घासो मे किसी के चलने की आवाज साफ साफ सुनाई पड़ रही थी।
अब में बहोत jada डर गया था में अब बिना पीछे देखे जोर से घर की ओर भागने लगा में भाग कर गांव के पास गया पीछे देखा तो कोई नही था|
अब मेरी जान मे जान आए |लेकिन मेरा शरीर अभी भी कांप रहा था में घर आया और खाना खाने के बाद शो गया रात में हमे बुरा सपना आया |
मेने देखा की मे खेत से वापिस आते किसी ने पीछे से मेरा पैर पकड़ लिया ओर घसीटता हुआ उसस कबर वाले खेत की तरफ ले जा रहा है मे बहोत जोर से चीख कर उठा पारा |मैंने देखा की मे एक सपना देखा रहा था| ओर
बहोत जोर का बुखार आ गया था मेने दावा भी ली लेकिन कोई फरक नही पार रहा था मे काफी दिन तक बीमार था ओर हम पर कोई दावा असर नहीं कर रही थी |
तो दादी में हमे गांव के तंत्र मंत्र करने वाले के पास लेकर गए तो उसने बताया की गांव में जो कुछ दिन पहले आकाल मौत हुए है उसी की आत्मा इस पर हाबी हो गए है|
तो दादी ने इससे छुटकारा पाने का उपाय पूछा तो बाबा ने बताया की तुम्हारे घर में पूजा करनी होगी तब जाकर तुम इससे छुटकारा पाओ गए |
और उस आत्मा के लिए मीठा और शराब भी लाना होगा गा। क्यू जो आदमी मारा था ओ बहुत शराब पीता था । तब से दोस्त में ठीक हूं और अब में 6 बजे के बाद से में घर से बाहर नही जाता।
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