इस जन्म मे ये जिंदगब आपके नाम arpan कर दी है | लेकिन जन्म मे तुम्हें फिर मिलू गी मेरा तुमहार 7 नजन्मों का रिसता है
मेरा नाम सीमा है ओर ये है मेरी कहनी आपको बताने जा रही हूँ ये किसी ओर की नहीं बल्कि मेरी अपने साथ बीती हुए कहानी है जिसे मे काभी भुला नहीं सकती |ये कहनी तब की है जब मे गर्ल्स कॉलसे मे पढ़ती | गर्ल्स कॉलसे मे पढ़ने की वजह से मेरा ध्यान लड़कों के तरफ ज्यादा अकरसित था लेकिन मे सरमिली मिजाज की थी तो मे किसी लड़के से बात नहीं कर पति थी लेकिन |
मेरे ही कॉलसे मे एक प्रोफेसर थे जिनकी उम्र 35 के आसपास थी मे उन्हे बहोत पसंद करती थी यू समझो की मे मन ही मन मे उनसे प्यार करती थी| वो किसी जे ज्यादा बात नहीं करते थे बहोत ही सीधे साधे से थे |यही कारण था मे उन्हे बहोत पसंद करती थी | मे चाहती थी प्रोफेरस से मे बात करू उनसे बोलू लेकिन वो किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे |मे उनसे बात करने के बहाने ढूंढती थी |
एक दिन मेने देखन की प्रोफेसर सर अपने रूम से क्लास कि ओर जा रहे थे उस दिन मे जानबूझकर मेने प्रोफेसर सर को टक्कर मारी ओर हाथों से किताबों को छोड़ दिया ओर सॉरी बोलने लागि लेकिन प्रोफेसर सर ने मेरी किताबों को उठा कर मेरे हाथ मे देते बोले कोई बात नहीं तुम थी हो ओर इतना बोल कर वो वह से चले गए उस दिन मे मन ही मन बहोत खुस थी |
एक दिन की बात मे कॉलेज आए तो देखा की कॉलेज आज तो बंद है उस दिन जोरों की बारिश हो रही थी
मे पूरी तरीके से भीग गई थी |तभी मुझे याद आया की प्रोफेरस सर तो यही रहे है क्यू ना हम उनसे मिलते है ओर टाइम भी अच्छा है | मे एसी ही भीगी हुए प्रोफेस के रूम पर गए ओर वेल को बजाय थोड़ी डेर मे प्रोफेरस सर गेट खोले दरवाजा खुलते ही प्रोफेसर सर हमे देख कर दंग रह गये मे पूरी तरह से भीगी हुई बाल खुले हुए हुस्न से भारी हुए मे गेट पर खड़ी |
ओर फिर बोले सीमा तुम | तुम यह क्या कर रही हो तो मेने कहा सर मे कॉलेज आए थी लेकिन आज कॉलेज बंद है प्रोफेरसर सर ने हमे अंदर आने को कहा मे अंदर गई सर ने बताया की स्कूल के एक कर्म चारी की मौत हो गए है तो इस लिए स्कूल 3 दिन तक बाद रहे गा | जोर से हवाये चलने के कारण हमे ठंढ लग रही थी| सर ने हमे तोलिया दिया ओर बोले तुम बाथरूम मे जो अपने बालों को सुख लो नहीं तो अप बीमार हो जाओगी मे आपके लिए कपड़े लाता हूँ |प्रोफेरसर सर पहले से शादी सुदा थे लेकिन एक एक्सीडेंट मे उनकी पत्नी का दिहंत हो गया था |
सर ने अपनी बीबी के नए कपड़े लाकर हमे दिए बोले तुम रूम मे आकार कपड़े चनागे कर लोम बाहर चला जाता हूँ मैंने कहा नहीं सर कपड़े अप हमे यही देदो मे चेंज कर लेटी हूँ | सर ने कहा नहीं कपड़े गीले हो जाए गए अप यही रूम मे चेंज कर लो सर बाहर जाने ही वाले थे की मे बाथरूम से तोलिया लपेटे मे बाहर आ गए मे चाहती थी सर हमे ऐसे ही देखे| सर हमे देख कर थोड़ा सरमा कर बाहर चले गए|
हमे थोड़ा अच्छा लगा मे चाहती थी की वो हमे दिल भर के देखे लेकिन नहीं वो बाहर चले गए थे थोड़ी डेर बाद मे ब्लाउस ओर साड़ी पहन थोड़ा सा मैकप किया ओर मे बाहर आई सर ने हमे दुबारा देखा ओर इसस बार देखा तो देखते रहा गए| वो बस हमे एक नजर से देखते ही जा रहे थे मे भी खड़े मुस्कुराये जा रही थी |वो बोले सीमा तुम इतनी खूब सूरत लग रही हो मुझे यकीन नहीं होता
मे तुम्हारा हाथ पकड़ सकता हूँ वो मर हाथ पकड़ नम भारी आँखों से देखते हुए बोला रहे थे इंटनी ही खूब सूरत बेरी बॉबी थी आज मे तुमको देख कर अपनी बीबी की याद आ गए | यही नैन नक्श यही रूप यही मुस्कान यही रंग आएस लग रहा तुम नहीं मेरी बीबी बैठी हो प्रोफेसर सर ने जेब से बटुआ निकाल ओर उसी मे लागि एक तस्बिर हमे दिखाई वो उनकी बीबी की फोटो थी |वो बिरकुल ही मेरी जैसे थी |वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने बडरूम मे लेकर गए ओर बोले प्लीज सीमा बहोत दिन हो गए है बीबी को देखे हुए अंखे तराश रही है उसे एक झलक देखने के लिए वो बहोत याद आती है क्या तुम हमे एक बार अपने माथे पर टिकली ओर मांग मे सिंदूर डाल कर दिखा सकती हो|
पप्लीज सीमा सिर्फ एक बार | सर की नम भारी आँखों मे देखा कर हमे उनसे ओर लगाव होने लगा था | उनके कहने के अनुसार मे अपने मांग मे सिंदूर माथे पर बिंदी ओर बालों को सवार कर मे उनके सामने बैठी थी ओर वो हमे देख कर ईमोशनल हो गए फिर मेरी गोद मे अपना सिर रख कर अपने अंदर दबे हुए दर्द को आँसुओ के साथ बाहर निकाल रहे थे | अब हमे उनको अपने बीबी के प्रति इतना प्यार देख कर हमे उसे ओर लगाव हो गया था | तभी प्रोफेसर उठे ओर बोले नहीं तुम मेरी पत्नी नहीं हो सकती मे बहक गया था |
फिर मे बोली क्यू नहीं क्यान मे एक अछि पत्नी नहीं बन कसती प्रोफेसर बन सकती हो पर लड़का अच्छा होना चाहिए क्या तुम्हारे नजर मे कोई आएस लड़का है सीमा बोली लड़का तो नहीं है पर एक आदमी जरूर है प्रोफेसर वो आदमी कोन है
| सीमा _ वो मेरे सामने खड़ा है क्या हाँ नहीं सीमा ऐसा नहीं हो सकता लोग क्या कहे गए समाज मे बुराइया होगी हमरी तुम्हारी|सीमा – लोगों जो कहना है कहने दो उनका काम है कहाँ हम अपने हिसाब से चले गये प्रोफेसर ने हने बहोत समझाया लेकिन मे नहीं मानी फिर उसी घर मे लागि भगवान की फोटो को सछहि मन कर हम दोनों शहदी कर लिय शादी तो हो गए थी लेकिन हम दोनों ने अभी तक कुछ नहीं क्या था|
उस दिन प्रोफेसर सीमा को घर छोड़ कर आया 3 दी बाद स्कूल खुला सीमा सुबह सुबह ही मेरे रूम पर आ गए उस देख कर मे खुस हो गया |दिन सीमा ने खाना बनाया था ओर हम दोनों खाना खाया सीमा ने अपने हाथों से हमे खिलय ओर हमने उसे | उस दिन प्रोफेसर के फिर किस क्या था | प्रोफेसर ने कुछ दिन की छुट्टी ली ओर हमे सरप्राइस दी|
उन्हों ने कहा हम दोनों नैनी ताल घूमने जाए गए मे खुसस हो गए मे घर मे बिना बताए घर से चली गई| मेरी ओर प्रोफेसे की शादी हो गए है ये बात अभी तक मे किसी को नहीं बताई है| उस दिन हम लोग नैनी ताल मे मेने शादी का जोड़ा पहन था उस दिन मेरी सुहाग रात थी |मे बहतों खुस थी मे रात भर एक दूसरे मे खोए रहे सुबह हुए तो प्रोफेसर रूम मे नहीं थे| हमे लगा की सायद बाहर गए है अभी आ जाए गए 2-3 घंटे निकाल गए लेकिन वो अभी तक नहीं आए तो मे होटल के रिसेपसन प रपुछने पर पता चला किन वो सुबह ही निकाल गए ओर आपके लिए ये एक लेटर छोड़ कर गए है| लेटर मे लिखा था जान मे बहुत जरूरी काम से जा रहा हूँ तुम्हारे लिए टैक्सी बुक कियाहाई तुम घर चली जाना मे जल्द ही वापस आ जाऊंगा |
मे उदश रोई हए मे घर वापी आ गए इसस उम्मेद से की वो वापिस आ जाए गे लेकिन कुछ दिन निकले के बाद भी नहीं आए मे तो मे स्कूल मे जा कर पता किया प्रिंसपाल ने बतीय की वो तो इलाहाबाद गए है एक बुक को प्रकशीत करने के लिए गए थे लेकिन तब से उनका कोई आता पता नहीं है |
मे स्कूल से वापिस आ गए कुछ दिन बाद पता चला की एक कार एक्सीडेंट मे उनकी मौत हो गए मे बहुत रोई उनके साथ बटे एक एक पल को याद रोई जो खब मेने उनके लिए देखे थे अब वो सब मेरे ही दिल मे दफन हो गए है |अब उसकी मेरे पास दो चीजे बची है एक उसके साथ बीते हुए पल ओर मेरे अंदर पल रहा उसका अंस मे प्रगनेंट हूँ |ओर इसी के सहारे जिंदगी चल रही थी |
एक दिन मे घर मे बैठी थी तभी डाकिया पार्सल लेकर आया उसपे मेरा पता लिखा था लेकिन भेजने वाले का कोई पता नहीं था पार्सल खोलने पर उसमे एक बुक निकली जिसका नाम था arpan उस बुक मे एक चिठ्ठी थी जो प्रोफेसर ने लिखी थी|
लिखा था मेरी जान सीमा मे तुमसे बहुत प्यार करता हूँ इसी लिए मे तुम्हें सप्राइज़ देना चाहता हूँ मेने आपके लिए एक बुक लिखी है बुक मे लिखा है कैसे तुमने हमे दुनिया की परवाह किए बिना तुमने हमे अपनाया है मेरी उजड़ी जिंदगी मे फिर से एक नया रंग एक मोड़ लाया है ओर मेने भी तुम्हें अपनी दुनिया अपनी जान मन बैठ हूँ | |बुक को मे जल्दी प्रकशीत कर के मे तूहरे पास जल्दी आ जाऊंगा मेरी जान लव यू सो मच|
मे चिठ्ठी को पढ़ कर वही मे जोर जोर से रोने लागि उस दिन मे बहोत रोई | ये जिंदगी इस जनम मे आपके लिए है इस जिंदगी तुम्हारे सिवा अब कोई ओर नहीं ये गा ये जिंदगी इस जनम मे तुम्हारे नाम arpan कर दिया है |मे उनको अपना पति मन चुकी हूँ ओर आगे भी मे उनकी बिधवा बकर राहून गी|ARPA N
मुझे माफ कर देना MY LOVE
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