ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। मेरा नाम प्रवीण है और यह घटना मेरे साथ तब घटी थी जब मैं 24 साल का था मेरे घर के हालात बहुत बुरे हो चुके थे|
मां हमेशा बीमार रहती थी और मेरे पास कोई नौकरी नहीं घर की तंगी और मजबूरी ने मुझे इस कदर घेर कर रखी थी कि मैं एक अपाहिज जैसा बन चुका था।
मैं बीमार मां को छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकता था ।और घर में भी कुछ नही था गांव में मंजूरी दिहाड़ी करता था। और शाम को इस पैसे से मेरा घर चला था। मेरा हालात ऐसे थे कि मैं रोज कमाता था और रोज खाता था।
और जो कुछ पैसे बचे होते थे उससे मैं अपनी मां की दवाइयां लता था।
मेरी मां के सिवा और कोई नहीं था मैं उन्हें खोना नहीं चाहता था इसलिए मैं कहीं शहर कमाने जा नहीं जा पता था।
मैं घर के हालात को लेकर में काफी डिप्रेशन में रहा करता था।
मैं एक दिन अपने गांव के बाहर एक बगीचा था उसी में मैं बैठा हुआ था। तभी मुझे कुछ साधु दिखाई पड़े यह साधु हर साल राम मंदिर से निकलकर 14कोशी परिक्रमा करके वापस राम मंदिर को जाते हैं ।
मेरे गांव के बाहर एक बगीचा था हर साल साधु वहां पर आते थे और एक दिन बिताने के बाद वहां से आगे की ओर चले जाते थे ।
मैं अपने मन में बने हुए तनाव को कुछ काम करने के लिए।घर से दोपहर के समय बाहर निकल गया और जाकर उसी बगीचे में बैठ गया।
मैंने देखा कुछ अघोरी जैसे दिखने वाले कुछ साधु अपनी साधना में जुटे हुए थे।
मैं उनसे कुछ दूरी पर बैठा था अभी लगभग 1 घंटे से ज्यादा हो गए। बैठे-बैठे ।तभी मुझे एक साधु ने अपनी और बुलाया मैं उसे देखकर थोड़ा डर गया लेकिन फिर भी मैं हिम्मत करके उसके पास गया |
उसने मेरी आंखों में देखा और मेरा हाल पूछा मैं अपनी भरी हुई आंखों से उसे देखते हुए अपने साथ घट रही सारी बातें जैसी बताना चाहा उसने हाथ दिखा कर मुझे चुप रहने को कहा उसने कहा बेटा मैं जानता हूं जो तुम पर बीत रही है मैंने तुमको थोड़ी देर पहले जब तुम आए थे तभी मैं तुम्हारी मस्तिक पर लिखी लकीरो को समझ गया था ।
साधु ने कहा बेटा तुम्हारी किस्मत में यही लिखा ही है गरीबों को झेलना दुख तुम्हारा किस्मत में लिख गया है। मैंने साधु से रोते हुए बाबा कुछ तो हाल बता दीजिए साधु ने कहा कि इसका कोई हल नहीं है।
फिर मैं उसके सामने रोने लगा फिर उसने मुझे चुप करते हुए कहा बेटा एक हाल है लेकिन थोड़ा कठिन पड़ सकता है।
बाबा जी मैं दुख और पीढ़ा से में इतना झेल चुका हूं की में कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।mera बहुत बुरे हालात से गुजर रहा हूं।
मैंने बाबा से कहा बाबा में कुछ भी कर सकता हूं प्लीज मुझे कुछ हाल बता दी जिए अब मुझे यह गरीबी और मजबूरी बर्दाश्त नहीं होती ।बाबा ने बेटा मैं तुम्हें एक मंत्र देता हूं मोहनी मंत्र इसको तुम्हें 7 दिन तक जाप करना है किसी ऐसी जगह पर बैठकर जहां पर तुम्हें कोई देख ना और यह मोहनी मंत्र है 7 दिन तक जाप करने के बाद तुम्हें एक मोहिनी लड़की मिलेगी वो तुम्हारे हर दुख को दूर कर देगी।
और तुम एक अमीर इंसान बन जाओगे तुम उससे जो मांगोगे वह तुम्हें लाकर देगी जो कहोगे वह करें लेकिन उसकी भी कुछ सरते हैं उसे मनाना पड़ेगा और हां उसकी सर्त मानना लेकिन उसके साथ कभी धोखाधड़ी नहीं करना और बेटा तुम्हें जितना सही लगे उतना ही उसकी शर्तों को मानना है।
मैं बाबा से हाथ जोड़ते हुए बाबा हमे मंजूर है साधु ने अपने गले से मोती की एक माला निकल कर मेरे गले में डाली और मुझे मंत्र सीखने लगे 2 घंटे सीखने के बाद मुझे मंत्र आ गया था।फिर साधु ने मुझसे कहा कि ठीक है पूर्णिमा की रात से तुम 7 दिन तक इस मंत्र का जाप करना और याद रहे कि तुम्हें यह सब करते हुए कोई देखे ना।
मेरे मन में अब कुछ उम्मीदें जा चुकी थी मैं बहुत खुश था मुझे लगता था कि शायद अब मेरी किस्मत खुल सकती है मैं वापस घर आ गया और इंतजार करने लगा पूर्णिमा की रात का कुछ दिन बाद पूर्णिमा आ गई और मैं अपनी पूरी व्यवस्था के साथ में पूर्णिमा की रात में गांव से बाहर एक जंगल था। जो काफी बड़ा जंगल था।
मैं जंगल के बीच में गया और कुछ साफ सफाई करके जाप करने लगा जाप करने के कुछ नियम थे जैसे की एक घेरा बनाना और उसके बीच में उसे मंत्र को बार-बार जपते रहना साधु ने मुझसे कहा था ये मंत्र 7 दिन तक करने होंगे और इस बीच में तुम्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जैसे कि तुम्हारे सामने किसी का मर्डर हो जाना तुम्हारी मां की आवाज में कोई तुम्हें पुकार सकता है|
ऐसा लगेगा शेर तुम्हारे सामने आ गया है। तुम्हें कोई मरने आ रहा है ऐसी चीज होगी लेकिन तुमको इससे डर नही है। तुम उस गोले से बाहर नहीं निकलना नही तो तुम तुम मारे जाओ गै।जो बाबा ने बताया था मैं उसी बात को फॉलो करते हुए इस काम को अंजाम दे रहा था।
पहले दिन तो मेरा निकल गया मुझे कुछ नहीं लगा दूसरा दिन हुआ मैं मंत्र का जाप कर रहा था फिर मुझे कुछ-कुछ फील होने लगा जैसे मेरे सामने से कोई दौड़ता हुआ गया फिर मेरा नाम लेकर कोई पुकार रहा है छोटी-छोटी एक्टिविटीज हो रही थी।
उस दिन मैं 4:00 बजे तक मंत्र का जाप किया उसके बाद घर वापस आ जाए तीसरा दिन हुआ मैं मंत्र का जाप कर रहा था । तभी एक लड़की निर्वस्त्र आकर मेरे सामने बैठ जाती है और मुझे मोहित करने की कोशिश करती है। एक बार तो मेरा मन भटका लेकिन मुझे साधु की बातें याद आ गई कि तुम किसी के छलाओ में नही आना है अपने मंत्र जाप करते रहना है।
धीरे धीरे 7 दिन निकल जाते है । लास्ट दिन होता है मेरे गोले में एक सुंदर कन्या दिखाई देती है। बहुत ही खूबसूरत कन्या थी गहनों से लदी हुई उसने मेरा नाम लेकर मुझे पुकारा प्रवीण मैं तुम्हारी साधना से खुश हो गई बोलो क्या चाहते हो।
मैंने उससे कहा मैं तुम्हें चाहता हूं क्योंकि साधु ने कहा था कि मोहिनी को मांग लेना मोनी ने कहा ठीक है मैं तुम्हें मिल जाऊंगा मैं तुम्हारे साथ रहूंगी ।
उसके लिए तुम्हें मेरी 3 शर्तें माननी होगी तो मैं बिना कुछ सोच ही उसे हां बोल दिया उसने हंसते हुए कहा तुम पहले सुन तो लेते उसने मुझसे कहा कि मुझे हर हफ्ते खून लाकर देना होगा।
और दूसरी शर्त यह है तुम मेरे सिवा किसी और लड़की के साथ कभी शारीरिक संबंध नहीं करोगे। तीसरी शर्त मैं तुमको बाद में बताऊंगा सारी शर्तें मंजूर होने के बाद मैं उसे अपनी पत्नी बनाकर मैं अपने घर ले आया।घर में उसके आते ही हालात सुधरने लगे थे जैसे मेरी मां की तबीयत ठीक हो जाना घर में अब खाने पीने की चीज आने लगी थी देखते देखते ही देखते कुछ दिनों में मेरा घर बनना स्टार्ट हो गया और थोड़ी ही दिन में मेरा घर दो मंजिला बन चुका था।
और मेरे पास अब हर चीज जैसे गाड़ी था एक खुद का मकान था और इज्जत भी थी और हर जगह मेरी अब तारीफ भी होने लगी थी क्योंकि मुझे इतनी सुंदर जो बीवी मिल गई थी।
यक्षिणी ।
लोग मेरी बीबी के बारे में पूछते थे कहां से लेकर आए हो इतनी सुंदर बीबी लेकिन मैं उन लोगों से बताया था।ये मेरे दूर के रिश्तेदार की बेटी है ।मेरे पास बैंक बैलेंस भी भूल कर भी नहीं जाना इसस जंगल मे | horror storyबहुत हो गया था कि मैं थोड़ा-थोड़ा घमंडी होने लगा अब मुझे वो लड़कियां भी पसंद करने लगी थी जो मुझे पहले इग्नोर किया करती थी।
मुझे याद है मैं बचपन में एक लड़की को प्रपोज किया था और उसने मुझे गरीब कहकर और गंदा बोल कर रिजेक्ट कर दिया था उस दिन मुझे जिद्द हो गई थी। मैं अब इसे ही पटाऊ गा और उसके साथ वो करू गा की वो किसी को आंख दिखाने के लायक नहीं रहेगी।
मैं चाहता था में इसके साथ शारीरिक संबंध बनाओं अब मुझे ये उम्मीद भी सच होती हुई दिखाई दे रही थी । क्योंकि अब वह मुझे भी भाव देने लगी थी मेरी अमीरी और पैसे को देखकर।मुझे जिद्द थी में के साथ शारीरिक संबंध बनाऊंगा अब धीरे-धीरे वो मेरी लाइन में आ गई थी।
लड़की ने कहा प्रवीण मुझे बहुत पछतावा है कि मैं तुमको ठुकरा दिया था मैं नहीं जानती थी तुम इतने अच्छे इंसान हो उसने हमदर्दी दिखाई और उसे ने ले जाकर उसके साथ शारीरिक सम्मान बनाए।उस दिन मैं डबल खुश था क्योंकि मेरी बचपन की जो तमन्ना थी वो पूरी हो गई मैं खुश था|
उस दिन में घर काफी लेट से आया था घर में आया तो देखा की मां की तबीयत बहुत ज्यादा सीरियस थी।
मैंने अपनी पत्नी को बुलाया तो वह कमरे में गुस्से में और भयानक शक्ल में बैठी हुई थी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था ।कि आज क्या हो गया मुझसे क्या गलती हो गई थी।आते ही मैंने अपनी पत्नी से पूछा क्यों इतने गुस्से में क्यों हो उसने मुझे जोर की लात मारते हुए बोली तुमने मेरे साथ विश्वास घात किया है तुमने हमसे छुपा कर किसी और लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाएं हो ।
मैं तुम्हें माफ नहीं करूंगा उसने हमें बताया कि कि उसकी तीसरी शर्त थी ।जो उसने कहा था की में बाद में बताऊंगा वो ये शर्त थी कि मैं एक बार गलती करने पर मैं तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी और तुम्हें तुम्हारे हालात से और भी बत्तर करके जाऊंगी ।
मैं उससे माफी मांगने लगा गिरगाड़ा कर मैं उसके पांव पकड़ने लगा लेकिन उसे उसने मुझे माफ नहीं किया उसने मुझे जोर की लात मारी और मेरा सर दीवाल से जाकर टकरा गया।मुझे दो-तीन घंटे बाद होश आया तो मैं अस्पताल में लेटा हुआ था मैंने अपने हाथ पांव हिलाया तो हिल नहीं रहे थे ।
क्योंकि मैं अपाहिज हो गया था मेरी मां घर में बीमार पड़ी थी और मैं अस्पताल में अपाहिज हो गया था।अब धीरे-धीरे मेरा हालत और भी बत्तर हो गए ।सिर्फ एक गलती की वजह से मैं पछता रहा था काश में इस मोह माया में ना पड़ता तो ठीक था। इससे अच्छा तो पहले था कम से कम मैं रोज कमाता था और रोज खाता था ।
अब मैं भी अपाहिज हो गया हूं और मेरी मां भी बीमार रहती है।मेरे घर में कोई कमाने वाला और खिलौने वाला नहीं है ।
लोग जो मेरी तारीफ करते थे आज जो मेरी तरफ देखना भी गवारा नहीं करते। मैं घर से निकाल के उसी बगीचे में आकर अपनी छोटी सी कुटिया बनाकर रहता हूं जहां पर वह साधु मुझे मिला था उसी ने मोहिनी मंत्र का जाप मुझे सिखाया था ।
बगीचे में इस उम्मीद से यहां पर रहता हूं कि हर साल वह साधु आते हैं और उनसे मेरी मुलाकात होगी वो साधु मुझे फिर मिलें गा और मुझे इस पाप से छुटकारा पाने का मंत्र बताएंगे।
लेकिन वो साधु जो मुझे मंत्र सीख कर गया था वह अभी तक नहीं मिला।
0 टिप्पणियाँ