भूले से भी नहीं रहना अकेले किसी गरज मे |
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सुरेश है और मैं आज अपने साथ घटी हुई सच्ची घटना आपको सुनाने जा रहा हूं यह घटना मेरे साथ 2017 में घटी है दुबई में दुनिया के कुछ देश में भूत और प्रेत का चर्चा होता है लेकिन कुछ ऐसे देश हैं जहां पर भूत प्रेत का कोई नाम और निशान नहीं है।
जिसमें से गल्फ कंट्री ज्यादा है यहां पर आपको बहुत प्रेत के बारे में बहुत कम सुनने को मिलेगा।
लेकिन यह घटना जो मेरे साथ घटी है इस घटना के बाद मुझे भी पता लग गया की भूत कहीं भी आपको मिल सकते हैं।
मैं 2017 में पहली बार दुबई गया था नोकरी के लिए सुना था दुबई में बहुत अच्छी सैलरी मिलती है।
मैं एक कर मैकेनिक हूं । मैं दिल्ली एक कंपनी से वीजा अप्लाई किया था ।और एक महीना बाद मेरा वीजा लग गया। और मुझे दुबई की एक बड़ी कंपनी में मुझे नोकरी लग गई ।
मेरा यह फर्स्ट टाइम था विदेश में कम करने के लिए जा रहा था ।
सारे प्रक्रिया होने के बाद में फाइनली दुबई पहुंच गया था।
मैं एक कर कंपनी में मेरा नोकरी लग गए। मैंने ज्वाइनिंग की और देखा वह कंपनी काफी बड़ी थी लगभग 10 बीघा में मैं फैली हुई कंपनी थी ।
इसके कुछ हिस्सों में ऑफिस बने हुए थे और कुछ हिस्सा मैदानी पड़ा हुआ था जिसमें कर पार्किंग किया जाता था और रिपेयरिंग भी वही होती थी काम खत्म होने के बाद जितने भी मैकेनिक थे। वह सारे के सारे लेबर कैंप में 8:00 बजे के बाद चले जाते थे ।
मैं भी लेबर कैंप नही रहा हूं। इसी लिए मुझे वहां अच्छा नहीं लगा क्योंकि मैं अकेला तन्हा आदमी सोने वाला हूं।
मुझे उन 10 12 लोगों के बीच में मुझे नींद नहीं आती थी ।
मैं इस चीज को लेकर काफी डिप्रेशन में रहता था मैंने कंपनी के मैनेजर से बात किया कि मुझे कहीं और शिप्ट करो मुझे यह रूम अच्छा नहीं लग रहा।
तो मैनेजर ने मुझे एक ऑप्शन रखा उन्होंने कहा कि आप कंपनी में ही रह सकते हो। जहां पर काम करते हैं वही पर आप रह सकते हो। लेकिन एक बात का याद रखना यहां पर तुम्हारे सिवा और कोई नहीं रहता है।
सिर्फ तुम रहोगे इस बड़ी कंपनी में और हां तुम्हारी सैलरी के बजाय तुम्हें 400दिरहम जो तुम्हारे अकोमोडेशन के होते हैं वह भी तुम्हें दे दिए जाएंगे ।
और तुम यहां पर अकेले सुकून से रह सकते हो दूसरी बात कंपनी को बाहर से लॉक कर दिया जाएगा आप अपने जरूर का सामान एक हफ्ते का स्टॉक लेकर अंदर में ही रह सकते हैं ।
रात को आप बाहर नहीं जा सकते ।
एक दूसरी बात आप 11:00 बजे के रूम से बाहर नहीं निकलना है। सिर्फ आप अपने बेड पर रहेंगे और कोई भी बाहर आवाज होने पर या कोई भी गलत एक्टिविटीज होने पर आपको अपने रूम से बाहर नहीं निकलना है।
जैसे गाड़ी स्टार्ट होना हुआ अचानक रोने की आवाज आना या कोई गैरेज में चलते हुऐ दिखे तो तुमको आपको अपने रूम से बाहर नहीं निकलना है ।
यह सब शर्तें उसने मेरे सामने रखी। मैं सोच में पड़ गया यह कैसी शर्त है। कहीं इसमें भूत प्रेत का मामला तो नहीं है। लेकिन मैं भूत प्रेत मैं यकीन नही रखता था। कुछ देर सोचने के बाद मैं उसमें रहने के लिए हां बोल दिया।
क्योंकि गरज मुझे बहुत बड़ा और सुकून लायक लग रहा था। मुझे लगा कि मैं इसमें बहुत आराम से रह लूंगा। लेकिन मैंने यह सब नहीं सोचा था कि कुछ इलीगल एक्टिविटीज यहां पर भी होती हैं।
मैं उस दिन बहुत खुश था क्योंकि रूम के कीच – कीच भरी जिंदगी से छुटकारा पाने जा रहा था। मैंने यह बात अपने रूम में रहने वाले कुछ लोगों से बताएं कि मैं अब कंपनी में ही रहूंगा।
यह बात सुनकर कुछ लोग मेरा मुंह देखने लगे। उसमें से एक लड़के ने मेरे पास आकर बोला कि आप कंपनी में ना रहे रूम में ही रहे तो आपके लिए बेहतर होगा ।
मैंने उससे पूछा कि क्या कोई दिक्कत है तो उसने हिच कीचते हुए बोला कि कुछ नहीं बस नहीं हूं मैं आपको बता रहा था। अपनी तरफ से बाकी आपकी मर्जी है।
लेकिन मैं रूम में नहीं रहना चाहता था इसीलिए कंपनी को ही सेलेक्ट किया।
आज मेरा पहला दिन था मैं अपना पूरा कपड़ा लेकर कंपनी में गया था मैनेजर में हमे रूम दिखाया एक पुराना खंडहर सा रूम था जिसमें शायद पहले लोग रहते थे। लेकिन अब कोई नहीं रहता क्योंकि इसमें बेड लगे हुए थे।
मैंने उसको साफ किया और अपना सेटिंग करके उसमें रहने लगा आज मेरा पहला दिन था ।
मैं बहुत खुश था खाना पकाया खाया जल्दी-जल्दी सो गया एक दिन तो मैं सो गया मुझे बहुत अच्छा लगा।
उस दिन पूरी नींद लेकर सोया था और सुबह जल्दी ही उठ गया था।
और कम पर भी लग गया था क्योंकि मुझे बहुत शॉर्टकट हो गया था मेरा टाइम की बचत हो रही थी।
पहले दिन के जैसा ही दूसरा दिन भी था सब लोग 8:00 बजे चले गए ।मैं अकेला गैरेज में था मैं खाना पका कर मैं मोबाइल में फिल्म देख रहा था। फिल्म देखते देखते अचानक मुझे कुछ गरज से रोने की आवाज सुनाई पड़ी यह आवाज पहले तो पहले तो धीरे-धीरे आ रही थी मुझे लगा शायद कोई होगा लेकिन धीरे-धीरे यह आवाज अब तेज होने लगी थी। तभी मेरा ध्यान फिल्म से भटका और मैं के गरज की तरफ गया। मैंने खिड़की का खोल कर देखा तो कोई नहीं दिख रहा था।लेकिन आवाज वही से ही आ रही थी।
बहुत ध्यान देने पर भी कोई नहीं दिखा तो मुझे लगा शायद ऐसे ही आवाज आ रही है। तभी मैंने देखा की गरज में कोई घूम रहा था। शायद 30 35 साल का वह आदमी था। इतनी रात को गरज में कौन हो सकता है। लेकिन मैं मैनेजर के द्वारा कही गई वह सारी बातें भूल गया था।
मैंने उसको अपने रूम से ही आवाज दी लेकिन वह गाड़ियों के पीछे छुप गया मुझे लगा शायद कोई चोर होगा मैं अपने रूम से निकाल के बाहर चला गया। वो आदमी जिस जगह पर दिखा था मैं वहीं पर जाकर उसे ढूंढने लगा लेकिन वहा कोई नही दिखा।
मुझे लगा शायद वो चोर है मुझे देखकर छुप गया है मैं उसको गाड़ियों के पीछे ढूंढ रहा था। लेकिन वह कोई नहीं दिखा।
तभी अचानक मेरे पीछे वाली गाड़ी का चारों इंडिकेटर अचानक से जलने लगा मेरा दिल धक से हुआ। मैं अब डर गया था मुझे लगा सैयद कोई चोर है।
मैं उस गाड़ी के पास गया और कौन है कौन है करके उसे बुलाने लगा मैं धीरे-धीरे उसे गाड़ी के पास गया और जब गाड़ी के अंदर में देखा तो कोई नहीं था।
लेकिन उसे गाड़ी के चारों इंडिकेटर चल रहे थे मैं बहुत हैरान और परेशान था। क्योंकि गाड़ी का गेट बंद था। अंदर से लॉक था।
और उसमें कोई आदमी भी नहीं दिख रहा था तो यह गाड़ी के चारों इंडिकेटर कैसे चल रहे थे। मैं दौड़ता हुआ चाबी रूम के पास गया वहा से मैंने उस गाड़ी की चाबी निकाल और उसे इंडिकेटर को बंद करने के लिए आया था और मन ही मन सोच रहा था कि ऐसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ है।
लेकिन जैसे मैं चाबी को गाड़ी के पास लेकर आया तब तक इंडिकेटर बंद हो गए थे में बहुत शौक में था की क्या हो रहा है मेरे साथ मैंने चाबी से गाड़ी के गेट को खोल और अंदर जाकर देखा सब नॉर्मल था।
मैंने दोबारा गाड़ी के गेट को बंद किया और वापस चाबी को गेराज में रखने के लिए जा रहा था। तभी इंडिकेटर दोबारा चलने लगे और इस बार इंडिकेटर के साथ हेडलाइट भी बिलिंग कर रही थी।
मैं गाड़ी को वहीं पर खड़े तक देखे जा रहा था तभी किसी ने मेरे पीछे से मुझे जोरदार एक लात मारी और मैं जाकर गाड़ी के ऊपर गिर पड़ा। मुझे काफी चोट लगी फिर किसी ने मेरा पैर पकड़ के मुझे उसे गाड़ी के चारों तरफ घसीटने लगा।
मैं चिल्लाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मेरे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरे मुंह को दबा के रखा है ।
थोड़ी देर मुझे घर घसीटने के बाद उठाकर मुझे एक साइड में फैक दिया मैं जाकर दीवाल से टकराया और मेरा सर दीवाल से टकराने की वजह से फूट गया था।
और काफी खून बह रहा था दीवाल से टक्कर खाने के बाद में बेहोश हो गया।
मैं बेहोशी हालत में 5:00 बजे तक ही पड़ा था मुझे 5:00 बजे अचानक दर्द की वजह से मेरी आंखें खुली मैं देखा तो मेरे सर से काफी फोन बह रहा था।
और मैं वहीं पर पड़ा था बाकी सब चीज नॉर्मल थी मैं जल्दी से वहां से उठा और कंपनी से बाहर भाग कंपनी में तो लॉक लगा था। इसलिए मैं दीवाल खुद कर भाग गया मेरे सर से खून बह रहा था।
और मेरी पीठ घसीटने की वजह से कट गई थी मैं वहां से भाग कर तुरंत अस्पताल गया और मैंने अपना इलाज कराया और घर वापिस आ गया।
मैं फिर कभी दोबारा उस कंपनी में नहीं गया आज मैं इंडिया लौट आया हूं और मेरा दिल नहीं करता कि मैं फिर दुबई कमाने के लिए जाऊं।
उस दिन तो मेरी जान बच गई थी लेकिन यह बात राज ही रहा गए । कि उसे दिन जो मेरे साथ हुआ वो क्या था। और मैनेजर ने मुझे 11:00 के बाद रूम से बाहर निकालने के लिए क्यों मना किया था।
और बाकी लोग कंपनी में क्यों नहीं रहते थे।
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