ये बारिश इश्क और तुम.......part2

 

              

ये बारिश इश्क और तुम.......part1

हमने पार्ट 1मैं पढ़ कोसल्य कुलदीप को एक बस स्टॉप पर मिलती है।


और कुलदीप को कोसल्य से प्यार हो जाता है।

उस दिन से कुलदीप कोसल्या की एक झलक देखने के लिए रोज बस स्टाप पर आता है।


 लेकिन कोसल्या नही आती।

 धीरे धीर 2 महीने निकल जाते है। लेकिन कोसल्या नही आती।


 फिर कुलदीप कोसल्या से मिलने की आस छोर देता है।लेकिन कोसल्या का क्या हुआ आगे कहानी मैं जानते है।




             जब भी बारिश होती वो इत्तिफक से हुई मुलाकात याद आ जाती थी। 


मैं जरा से मुस्कुराता और फिर अपनी किस्मत को कोसता हुआ अपने काम मैं लग जाता था।


अब  मुझे धीरे धीरे ऑफिस में एक और लड़की पसंद आने लगी थी।


 उसका नाम रोशनी था। वो सुंदर थी।और मेरी ही उमर की थी।


सच कहूं तो मन ही मन मैं उसे अपना बना चुका था।

हमारी बात चीत और जुगलबंदी भी बहुत अच्छी थी।


एक दिन मैंने अच्छा टाइम देख कर मैने उससे काफी पर बुलाया वो थोड़ा सरमाई पर मन गई।



25 जुलाई 2017 मैं रोशनी का इंतजार कर रहा था।

मुझे याद है, उस दिन मूसलाधार बारिश हो रही थीं।


ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के बीच मैं जोरो की बारिश  मैं मेघालय स्वर्ग जैसा सुंदर होता जा रहा था।


मैं आधा भीग चुका था,।

लेकिन मैं किसी तरह अपनी पहली डेट के लिए निकल गया।


कैफे पहुंचा थोड़ी देर इंतजार किया फिर फोन मैं गेम खेलने लगा,।


 की तभी रोशनी का मेसेज आया,

सॉरी कुलदीप  बारिश जोर से हो रही है मैं आज नही आ पाऊंगी।



मेसेज पढ़ते ही मेरा दिल मायूस सा हो गया था।

मैं अपनी फूटी किस्मत के बारे मैं सोच चाहता था,


कोई मेरे पिछे वाली टेबल पर बैठा बोल रहा था।

इस शहर में इतनी बारिश क्यों होती है?


हर जगह पानी कीचड़ और कही जा भी नही सकते।

मैने पीछे मुड़ कर देखा तो दंग रह गया?


हां, उसे बारिश बिरकुल भी पसंद नहीं थी,

मैने हिम्मत जुटा कर उसके पास जाकर बोला ,


हाई कैसे हो आप ? पहचाना मुझे ।

उसने लड़खड़ाती हुई आवाज मैं बोली हां मनीष

उससे मेरा नाम तक याद नही था,


मैं ने कहा , 


मेरा नाम, कुलदीप है,..मैंने कहा

अरे हां मेरा नाम....,

कोसल्या है,  मुझे मालूम मैने उससे कहा।


तभी उसके एक दोस्त ने कहा आज प्रीत का बर्थडे है।

मैने उससे विश किया।तो उसने मुझे gifts मांगी,


अगली बार जब मिले गै तो आपके लिए कुछ जरूर लेकर आए गै,.. मैने कहा।



और फिर सारे दोस्त हंस पड़े।,,


तो हम अगली बार कब मिले रहे है,.. उसने  मुझसे पूछा


जब अप कहोगी कोसल्या,..मैने कहा।


क्या तुम मुझे  डेट पर ले जाओगे,..उसने पूछ।


क्या तुम मेरे साथ डेट पर जाना पसंद करोगी,.. मैने कहा।


मैं सोच के बताऊंगी। वैसे तुम यह कैसे,..उसने पूछ।


सयाद आज हमारा मिलना तय था, मैने कहा


क्या , उसने कहा।


कुछ नही,

         क्या तुम्हारा फोन नंबर मिल सकता है।

मैने इतना कहा ही था,की पीछे से आवाज आई।


तुम्हारा फोन कहा है,कुलदीप  कब से ट्राई कर रही हूं।

 वो रोशनी थी।


रोशनी को देख, कोसल्या सहम सी गए थी।


फिर रोशनी ने मेरा हाथ पकड़ कर कह कुलदीप मुझे माफ कर दो। बारिश की वाझा से मुझे थोड़ी देर हो गई।


सच कहूं तो मुझे कुछ समझा नही आ रहा था। की क्या करू । 


कुछ देर तक मैं सुन्न सा खड़ा रहा।


फिर रोशनी ने मुझे हिलाते हुए बोली हेलो क्या हो गया तुम्हे,..रोशनी ने पूछा।


मैने कोसल्या की तरफ देखा। वह थोड़ी उदास सी लगी।

रौशनी ये कोसल्या है,कोसल्या ये रोशनी है,..मैने कहा।


 और यह हमारी पहली डेट है, रोशनी ने कहा।


कोसल्या ने मेरी तरफ देखा और पूछी।

क्या तुम यह अक्सर आया करते हो,?


मै थोड़ा सहम सा गया !


क्या मतलब,। रौशनी ने पूछा


कुछ नही, कोसल्या ने कहा


फिर कोसल्या ने अपना बेग उठाया और चल दिया,।


 मैं उसे देखता ही रह गया।

 ना में उसे समझ पाया ना नंबर ले पाया।और नही अपने दिल की हालत उससे बया कर पाया।


मेरा पहल प्यार फिर से मेरे हाथो से फिसल गया था।

ना जाने रब भी कैसे कैसे खेल खेलता है।


जिससे इतने दिनो से  खोज रहा था।

वो मिला भी तो दो पल के लिए।





क्या अब कोसल्या वापस आयेगी।

जानने के लिएं  

                     पार्ट 3 पढ़े

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