1483 ईसवी
"बाबर कौन था" एक रोचक और महत्वपूर्ण इतिहासिक विषय है। बाबर नामक व्यक्ति का असली नाम 'जलालुद्दीन मोहम्मद' था, जो तुर्क-मंगोल उत्पत्ति के बादशाह थे। बाबर भारतीय इतिहास में अपनी महकीमत, सेना, और साहस के लिए प्रसिद्ध हैं।
उनका जन्म 14 फरवरी 1483 में फर्गाना (वर्तमान उजबेकिस्तान) में हुआ था। बाबर के पिता का नाम उमर शेख मिर्ज़ा था, जो तुर्की राजा बाबर के समय के राजा थे। उनकी माता का नाम कुत्लुग निगार था। बाबर ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1494 में हिंदुकुश पर्वतमाला की ओर अपने परिवार के साथ निकला और ने इसे फरगाना से भागा।
उन्होंने अपनी जीवनी में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का सामना किया, जिनमें पानीपत की लड़ाई (20 अप्रैल 1526), बाबरी विजय (1526), खानवा की लड़ाई (1527), चंपारान की लड़ाई (1528), और गोघास की लड़ाई (1529) शामिल हैं। उनके द्वारा जीते गए युद्धों के बाद, उन्होंने भारत में मुघल साम्राज्य की नींव रखी और वह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण रूप से याद किए जाते हैं।
बाबर ने अपने आत्मकथा "बाबरनामा" के माध्यम से अपने जीवन का वर्णन किया, जिसमें उन्होंने अपने उद्दीपक और भविष्य की योजना को साझा किया। उनकी आत्मकथा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें उस समय के भारतीय समाज, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिस्थितियों का अध्ययन करने में मदद करती है।
बाबर का निर्वाचन मुघल साम्राज्य की स्थापना में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो उसके पोते अकबर के शासन के समय में अपने चरम पर पहुंचा। उसकी योजनाओं, युद्ध रणनीतियों, और साहसपूर्ण प्रदर्शनों के कारण उन्हें भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है।
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