2 दिन पहले उनकी शादी का दसवीं सालगिरह था लेकिन महेश भूल जाता है
और उस दिन घर भी देर से आता है फिर तो कहना क्या रिया ने महेश से खूब झगड़ा किया
गुस्सा शांत होने के बाद महेश रिया को मनाने की बहुत कोशिश करता है
लेकिन रिया मानने वाली कहां थी और आपको तो मालूम ही होगा जब अपनी मैडम रूठती है
तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर होता है
शादी के कुछ साल तक तो सब ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ इन दोनों में अनबन होने लगी थी
छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ कर लेते थे एक समय था जब दोनों को लगता था कि हम एक दूसरे के बिना नहीं जी सकते लेकिन
आज वही पति पत्नी एक ही घर में अजनबी की तरह बिहेवियर कर रहे थे रिया नम आंखों से बोल रही थी
आखिर कोई अपनी शादी की सालगिरह कैसे भूल सकता है
मुझे अब पहले जितना प्यार नहीं करता रिया अपने पति से इतना नाराज थी कि उसने 2 दिन से अपने पति से ठीक से बात भी नहीं कि था
तभी डोरबेल बचती है रिया जाकर दरवाजा खोलती है तो सामने बारिश में भीग गया हुआ महेश हाथों में गुलदस्ता और चेहरे पर मीठी मुस्कान लिए खड़ा होता है
लेकिन रिया उसे माफ करने के मूड में नहीं होती रिया बोलती है
इस तरह गुलदस्ता देने से क्या मैं तुम्हें माफ कर दूंगी अगर तुम सच में मुझे प्यार करती हो तो दिखाओ
उसने गुलदस्ते को नीचे फेंक सोफे पर आकर बैठ गई तभी घर में फोन की घंटी बजती है
रिया जब फोन उठाकर देखती है तो वह नंबर महेश का होता है
फोन को उठाती है तो उधर से कोई और बोल रहा होता ह
हेलो क्या आप महेश के घर से बोल रही हैं मैं पुलिस स्टेशन से दरोगा बोल रहा ह
रिया -हां जी क्या कोई प्रॉब्लम है दरोगा बोलता है मुझे दुख है रोड क्रॉस करते वक्त एक एक्सीडेंट हो गया है जिसकी जेब से मुझे एक वायलेट और एक मोबाइल फोन मिला है
उस मोबाइल फोन में यह नंबर होम के नाम से फीड था और वॉलेट में एक आईडी कार्ड है कृपया आप की जरूरत है हमें इस लाश की पहचान करने के लिए क्या आप सहारा हॉस्पिटल आ सकती हैं
दरोगा जी मुझे माफ करना लेकिन मेरे पति मेरे घर पर हैं
मैडम यह घटना 2 घंटे पहले की है जब एक शख्स रोड क्रॉस कर रहा था तभी अचानक एक कार ने टक्कर मार दी
रिया को यह खबर सुनकर घबराहट हो रही थी और उसका दिल बैठा जा रहा था
उसने बुजुर्गों से सुना है जब कोई इंसान की मृत्यु होती है तो वह परिजनों से मिलने के लिए आखिरी बार आता है
रिया की आंखों में आंसू आ गए रिया रोते हुए गेट की तरफ को दौड़ते हुए गई
महेश दरवाजे पर नहीं था रिया को अब लगने लगा कि पुलिस वाला सही बोल रहा है
अब रिया को अपने किए पर पछतावा हो रहा था और बोल रही थी महेश मरने के बाद भी मुझे आखरी बार मनाने आया था
और मैंने उसके साथ बहुत गलत बर्ताव किया अब रोते हुए जमीन पर लेट गई और अपने आप को कोसने लगी
उसने आखरी बार भी अपना मौका खो दिया था रिया को अब अपने बीते हुए रोमांटिक पल याद आने लगी थ
महेश अपनी बेसुरी आवाज से रिया को मनाने के लिए गाना सुना करता था
आधी रात को उठकर महेश रिया के लिए मैगी बनाता था महेश रिया को अपनी बाहों में उठा कर दूर तक चलना
उसे रूठने पर नए नए चुटकुले सुनाना यह सब रिया को याद आने लगा था
रिया रोते हुए अपनी आंखें बंद कर लेती है और भगवान से प्रार्थना करने लगती है
भगवान मुझे एक बार सिर्फ एक बार महेश से मिला दो मैं अपनी गलतियों कि माफी मांग सकूं
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और अंदर से महेश निकला निकलते ही महेश बोला जान मैं तुम्हें बताना भूल गया
आज बस में चढ़ते वक्त किसी ने मेरा बटुआ और मोबाइल चुरा लिया था
रिया जड़ से उठकर महेश के गले से लिपट कर रोने लगी
दोस्तों कभी कभी ऐसा होता है कि हम अपने गुस्से में आकर हद से ज्यादा आगे चले जाते हैं लेकिन हमें ऐसा नहीं करना चाहिए हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को माफ करना चाहिए और अपने परिवार जनों के साथ रहना चाहिए
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