चाची के साथ बीते हुए हो वो पल मे आज भी नहीं भूल हूँ | Romantic stories

चाची और मेरे दरमियान जो दिन गुजरे है। बहुत याद गार और मीठे पल थे ।अब 
जब मे  अकेला होता हूं । तो चाची के साथ बीते एक एक पल एक एक बाते यादआती हैं
चांदनी जब रात में अपना आंचल घर के छत पर फेलाती है|

तो ऐसा लगता चाची ने अपने साड़ी के सफ़ेस पल्लू को पूरे छात पर  फैलाए हुए खुद व्हाइट ब्लाउस मे  छात पर बैठी है ओर उसके बड़े बड़े बूब्स  उसके व्हाइट ब्लाउस से आधे बाहर निकले हुए जिस पर  चाँदनी  अपनी रोशनी डाल उनसे रोमांटिक ओर एक सरीर को निचोड़ कर रख देने वाली सीन याद दिलाती है |ओर काभी  काभी चाची के  पांव में छम छम करती घुंगरू की आवाजे हमे मदहोस  देती है।ओर दिल सिस्सक कर रह जाता है।

हेलो दोस्त मेरे नाम खालिद अफरीदी है उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। ये मेरे साथ बीती एक सच्ची कहानी है।जब में 4 साल का था तो एक बीमारी की वजह से मेरी मम्मी की मौत हो गए थी । तो मेरा पालन पोसन मेरा ननिहाल में हुआ था ।

क्यू में 2 भाई था और मेरा बड़ा भाई 10 साल का था पिता जी सहर में सिलाई का काम करते थे । ओर उन्ही की वजह से घर चलता था मम्मी के मौत के बाद पिता जी टूट से गए थे क्यू की अब घर में 2 भाई के सिवा और कोई नही था|

तो हम लोगो को कोन पाले गा कोन देखा भाल करे गा। इसी लिए पिता जी हमे ननिहाल में छोड़ दिए थे और बड़े भाई को अपने साथ सहर लेकर चले गए थे। इस समय मेरे घर में मानो दुखा का पहाड़ टूट पड़ा था । लेकिन खैर धीरे धीरे समय के साथ साथ सब बदल जाता है।

धीरे धीरे समय बीतता गया और मे बड़ा हो गया अब में 19 साल का और भाई 25 हो गया था और मे इंटर कॉलेज में पहुंच गया था। मेरे पिता जी ने मेरे बड़े भाई की शादी सहर में ही अपने दोस्त की बेटी के साथ करा दी थी।
15 साल का दिन निकल चुका था |

15 साल बाद एक दिल में अपने घर वापिस आया जहा मेरा जन्म हुआ था | मेरा घर  खंडहर में बदल चुका था दीवारों में दरार पर चुकी थी छत झर झर हो गए थी।

घर के आंगन में बड़े बड़े पेड़ निकल आए थे । घर के हालात को देख कर और बीते हुए दिन को याद कर के मेरी आंखो से आंसू बहे जा रहे थे।
जब मम्मी थी तो यही घर खूब सूरत जन्नत सा था बहोत खुसिया थी ।ओर आज वही घर कब्रिस्तान जैसे लग रहा है।
आंगन के दीवार के साथ बैठ कर मम्मी के साथ बीते हुए दिन को याद करके आंखो से बह रही अंसुओ को पोछ रहा था।

तभी घर के दूसरी दीवाल की तरफ से आवाज आई कोन है वहा । अरे खालिद तू कब आया मेने देखा तो मेरी पड़ोस चाची थी। चाची में अभी थोड़ी देर हुआ है| आए  हुए|

 चाची – ठीक है। घर पे आओ तुमसे बात करनी है । ठीक है बोल कर में घर में और भी चीजे देखने लगा जैसे रूम किचन छत पर देखने के बाद में चाची के घर पे गया ।जब मामी का निधन हुआ था ।उसके कुछ महीने  पहले ही चाची की सदी हुए थी। ये मेरी सगी चाची नही है । पड़ोसन चाची है। चाची के घर में उनके 2 बेटे थे ।

एक बेटा 2 साल का दूसरा बेटा 4 साल का है चाची के हसबैंड दुबई में जॉब करते हैं ।उनकी सास का कुछ महीनो पहले निधान हो गया था।तो चाची अपने 2 बेटो के साथ घर मे  अकेली रहती है।

घर में जाते ही मेरी नजर चाची के ऊपर गए तो में देखता ही रह गया। 35 साल की उमर में कमल की लग रही थी। गोरा रंग गोल मटोल गाल और कजरारे नैन नक्श कमर की बात करे तो मोटी कमर की चाची थी।ऊपर वाले ने सायद चाची को फुरसत में बनाया था।

चाची को में एक टक देखे जा रहा था और चाची हमसे कुछ बोल रही थी लेकिन मैं चाची पे मेरी नजर ऐसे लगी की उनकी बाते हमे सुनाई नही दे रही थी। तभी चाची ने मेरे सामने हाथ हिलाते हुए ।कहा गुम हो गए |

तब में होस में आया में हिचकिचाते हुए बोल जी चाची जी कैसे है अप चाची बोली में ठीक हूं तुम अपनी सुनाओ बहोत दिन के बाद देखा रही हूं तुम्हे जब तुम छोटे थे तब तुम्हे देखा था । अब तो तुम बड़े हो गाए हो तुम्हारे पापा और भाई कैसे है । चाची पापा ठीक है और भाई की शादी सहर में ही हो गए है।

चाची बोलीं तुम लोग अपने घर में कबसे रहो गै। देखो कितना बुरा हाल हो गया है तुम्हारे घर का ।मे  चाची  से बोला अब में आ गया हूं |अब में यही राहु गा।क्यू की  घर को भी रिपेयर करना है।

चाची बोली तुम यह रहो गै तो मेरा मन लगे गा| तुम लोगो को यह से जाने के बाद हम लोग अकेले ही रहा गए थे। ओर सुना सुना लगता है ।

क्यू की मेरा और चाची का घर गांव से बाहर है। अब मैं यही घर पे रहने लगा था मेरे घर में रहने लायक नही था क्यू की घर repair करने लायक था ।तो में चाची के यह ही रहता था। ओर खाना भी चाची के यही ही खाता था। ।अब में रोज चाची को देखता था मेरी चाची बहुत ही हॉट थी उनके अंग अंग से जवानी छलक रही थी।

में उनको हमेशा झुकी हुई नजरो से देखता राहत था।अभी अभी चाची बाथरूम से नहा कर जब मेरे सामने आती थी तो तड़प कर रहा जाता था। में चाची से काफी फ्रेंडली हो गया था |तो में चाची से मजाक मस्ती भी कर लिया करता था ।मेरे घर से सहर 15 km दूर था तो कभी कदर में और चाची सहर भी घूमने के लिए जाते थे।चाची जब भी मेरे बाइक पर बैठती थी तो   हमेसा  सट कर मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठती थी |

 तो मेरा शरीर के सारे बाल खड़े हो जाते थे। कभी कभी में और चाची सहर के कपाल पार्क में भी घूमने जाते थे और वहा गए कपाल को देख कर में चाची से मजाक में पूछ लेता था |चाची ये क्या कर रहे है तो चाची हमे मजाक में डाट देती थी| जब मे  पार्क में बैंच पर  बैठ था तो चाची मेरे साथ सट कर गए थी |

तब मेरे शरीर में करंट सा लगा  था । में और चाची रात रात भर छत के ऊपर बैठ कर बाते करते रहते थे।चाची बहोत दिनों से अकेले रहकर बोर हो गए था |लेकिन जब से में आया हूं चाची अब बहोत खुस रहने लगी थी । इतना खुस की में उनका भतीजा नही कोई दोस्त हूं।

में चाची के साथ बहोत मजाक और गन्दी बाते की लेकिन चाची के साथ गंदा काम कभी नही किया था ।धीरे धीरे 1 साल का समय बीत गया था| अब घर भी रेडी हो गया था । एक दिन  मेरे पिता जी का फोन आया पिता जी बोल रहे थे बेटा तुम अब सहर आ जाओ मेने तुम्हारे लिए 25 हजार की अच्छी जॉब ढूंढी है|

तुम जल्दी से आ जाओ और अब में भी बूढ़ा हो गया हूं अब मुझसे काम नही हो पाता में अब घर वापिस आना चाहता हूं में चाहता हूं कि मेरे जीते जी तुम दोनो कमाने खाने लगे और में तुम्हारी भी शादी कर के में अपने ऊपर का भर हटा दू ।

लेकिन  चाची से मेरा  इतना लगाव हो गया था की में चाची को छोड़ कर जाना नही चाहता था ।लेकिन पिता जी अब काम नही कर पा रहे थे| और हमे भी अपनी जिंदगी में कुछ करना करना होगा । मैने ये बात चाची को भी बता दी की अब हमे भी सहर जाना होगा तो चाची भी उदास हो गए चाची  नही चाहती थी की में जाओ लेकिन जाना तो पढ़े गा।

जिस दिन में सहर जा रहा था तो चाची ने हमे टिफिन पैक कर के दिया और स्टेसन तक छोड़ने भी आए थी ओर हमे समझ रही थी | ट्रेन में किसी से ज्याद बाते नहीं करना ओर न किसी का दिया हुआ खाना खाना । मैने चाची की आंखों में देखा तो चाची की आंखे नम थी |

और चहरे पर उदासी साफ साफ दिख रही थी। चाची की नम आंखों में देखते ही मेरी भी आंखे भर आई। ओर में चाची को अपने गले से लगा लिया कुछ देर ऐसे ही लगे रहे फिर हम दोनो अलग हुए । ओर बाय बोलते हुए में चला गया । उस दिन चाची ने मेरे माथे और गाल पर किस्स किया था वो पहल दिन था ।

मेरे जाने के बाद चाची बहुत रोई थी,।कोन कहता है की अपने से बड़ी उम्र की लड़कियों से प्यार नही होता।
प्यार ऐसे चीज है। ना उम्र देखत है नही रिश्ता देखा है । अगर नजदीकिया किसी से हो तो प्यार उसी से हो जाता है।

 

तुम्हारा मेरी जिंदगी से जाना |

एक सदी के बीत जाने के जैसा है |

तुम मेरी जिंदगी के कितक का  वो अधयाई हो जिसके 

 पहले पन्ने के कोने को हमेशा मोड़ कर राखून गा 

अपने मन पसंद हिस्से को दुर्लभ फूलों से सजाऊँगा 

तुम्हारे आने को अपनी खोज के आरंभ का नाम दूंगा 

ओर उसस समय को तुम्हारा नाम दूंगा 

ओर इसस हिस्से को मे बार बार बार पढ़ करू गा  

आज ओर कल के आस्तीत को मे हमेसा सामील राखून गा

मे तुम्हें हमेसा याद राखून गा 

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